भोपाल. अगले महीने होने वाले दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए विशेष क्रेनों का इंतजाम किया जाएगा। मुंबई और हैदराबाद की तर्ज पर इन क्रेनों में प्लेटफार्म लगे होंगे और विसर्जन के लिए श्रद्धालुओं को तालाब के भीतर नहीं जाने दिया जाएगा। क्रेन ऑपरेटर की सहायता के लिए प्रशिक्षित गोताखोर तैनात रहेंगे। नावों से होने वाले विसर्जन पर पूरी तरह रोक लगेगी। खटलापुरा सहित कुछ अन्य घाटों पर विसर्जन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
आयोजन समितियों को प्रतिमा स्थापना से पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके साथ ही उन्हें प्रतिमा का आकार और विसर्जन का दिन व समय भी बताना होगा। यह और ऐसे कई सख्त निर्णय शनिवार को जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस अफसरों की संयुक्त बैठक में लिए गए। 13 सितंबर को तड़के खटलापुरा में हुए हादसे के बाद शनिवार को दिनभर बैठकों का दौर चला।
मुख्य सचिव एसआर मोहंती और पुलिस महानिदेशक वीके सिंह ने कलेक्टर तरुण पिथोड़े, निगमायुक्त बी विजय दत्ता और डीआईजी इरशाद वली से बात की और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़े कदम उठाने को कहा। इसके बाद पुलिस कंट्रोल रूम, कलेक्टोरेट और निगम दफ्तर में बैठकों का दौर चलता रहा। इधर, रेस्क्यू में अहम भूमिका निभाने वाले साहसी नौजवान नितिन बाथम को प्रशासन ने 50 हजार, मंत्री पीसी शर्मा और विधायक आरिफ मसूद ने 5 हजार रुपए का इनाम दिया। बाथम को वीरता पुरस्कार देने की अनुशंसा भी की जाएगी।
छोटे तालाब में फिर नाव पलटी, तीन युवक तैरकर बाहर आए
खटलापुरा घाट पर शुक्रवार की तड़के गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान नाव पलटने के हुई 11 नौजवानों की मौत के बाद भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। शनिवार को फिर छोटे तालाब में एक नाव पलट गई। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासन और नगर निगम के अफसर मौके पर पहुंचे जब तक नाव में सवार तीनों युवक तैरकर बाहर आ चुके थे। जहांगीराबाद पुलिस के मुताबिक शनिवार दोपहर करीब 1 बजे सूचना मिली कि छोटे तालाब में खटलापुरा घाट के पास एक नाव पलट गई। नाव में तीन लोग सवार थे।
नाव पलटने की सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासन और नगर-निगम अमले में हड़कंप मच गया। सभी अफसर मौके पर पहुंचे तो पता लगा कि मछुआरों की नाव पलटी है। मछली पालन के ठेकेदार के तीन कर्मचारी मछलियों को दाना डालने के लिए जा रहे थे। अचानक दाने की बोरी फिसलने से नाव अनियंत्रित होकर पलट गई थी। नाव सवार तीनों तैरना जानते थे, डूबने से बच गए हैं। बताया गया है कि छोटे तालाब में मछलियों का ठेका है। ठेकेदार के कर्मचारी शिंभू साहनी, मुकेश साहनी और मघ्घू उर्फ मघन नाव से मछलियों को दाना डालने जा रहे थे।